जावेद खान तैयार
‘देश के मेरे वाले भाग में बहुत से बुद्धिमान लोग थे।’ जावेद खान ने कहा, ‘वे, जो कानून बनाते थे,...
‘देश के मेरे वाले भाग में बहुत से बुद्धिमान लोग थे।’ जावेद खान ने कहा, ‘वे, जो कानून बनाते थे,...
जब अनिल और शशि तथा अन्य बच्चे जावेद खान की अँगीठी के चारों तरफ बैठे थे तो कमल ने पूछा,...
दिसंबर के अंतिम दिनों में एक दिन शाम को आसमान पर घने बादल छा गए और बूँदाबाँदी शुरू हो गई...
एक बारात लंढौर बाजार रोड के साथ-साथ अपने रास्ते पर घूम रही थी। सबसे पहले ढोल, तुरही और झाँझ की...
अगली शाम कश्मीरी की दुकान में एक स्टूल पर बैठे हुए कमल ने कहा, ‘तो यह था वह सबसे असाधारण...