आत्म-पे्ररक का चुनाव
आपको एक ऐसे आत्म-प्रेरक की जरूरत है, जो पी.एम.ए. के प्रमुख पक्षों को आपके जीवन में लागू करता है। यदि आपको लगता है कि आपका कोई विशेष मनोभाव है, जिस पर आप नियंत्रण करना चाहते हैं तो आप अपने स्व-पे्ररक को इसका समाधान करने के लिए अभ्यस्त कर सकते हैं।
एक ऐसा आत्म-प्रेरक चुनिए, जो आपके महानतम विचारों को प्रतिबिंबित करता हो। इससे आपको हमेशा यह याद रहेगा और पे्ररणा मिलेगी कि उनके अनुरूप काम करना है। आपका लक्ष्य एक ऐसा व्यक्ति बनना है, जो उन सिद्धांतों के अनुरूप काम करे एक ऐसे व्यक्ति का निर्माण करना, जो अपनी कथनी और करनी में एक समान हो।
कुछ सुझाव ः
दूसरों के साथ ऐसा व्यवहार कीजिए, जैसा आप दूसरों से अपने साथ करने की अपेक्षा करते हैं।
मैं स्वस्थ महसूस करता हूँ, मैं खुश महसूस करता हूँ, मैं श्रेष्ठ महसूस करता हूँ।
यह अभी कीजिए।
जिसकी मैं कल्पना कर सकता हूँ, जिसपर मैं विश्वास कर सकता हूँ, उसें मैं हासिल भी कर सकता हूँ।
हर समस्या में उसके समाधान के बीज भी निहित होते हैं।
कैसे, यदि नहीं।
विजय इंचों में मिलती है, मीलों में नहीं।
मैं कर सकता हूँ, मैं करूँगा।
पूरे दिन अपने आत्म-पे्ररक को कई बार जोर-जोर से दोहराइए। सोने से पहले उसे पचास बार पूरे मनोयोग से बोलिए। उसे ऐसी जगह लिखकर रखिए, जहाँ आप उसे देख सकते हैं—बाथरूम में शीशे के ऊपर, अपनी गाड़ी के डैशबोर्ड पर, अपने टेबल पर रखे कैलेंडर पर, फ्रिज के दरवाजे पर, अपने बटुए में। जितना ज्यादा आप इसे दोहराते हैं, उतना ही ज्यादा यह उसमें अभिव्यक्त मूल्य आपकी आदत बन जाते हैं।